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गुरुवार, 7 जून 2012

सविता का गुनहगार कौन?

एक तरफ प्रदेष के मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चैहान प्रदेष के आदिवासियों के हितैषी और बेटियों के रक्षक होने का वादा कर रहे हैं । प्रदेष की सरकार मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेष भर में बेटी बचाओ अभियान चला रही है। वही सरकार के चंद नुमाईदों की उदासीनता और लापरवाही के कारण सरकार और मुख्यमंत्री की मंषा को पलीता लग रहा है। मुख्यमंत्री प्रदेष भर में बेटी बचाओ अभियान के माध्यम से कन्या भू्रण हत्या के प्रति जागरूकता लाने की कवायद में लगे हैं। परन्तु महिला अपराधों में देष में पहले पायदान पर विराजमान प्रदेष में जिंदा बेटियों के प्रति अन्याय और अपराध कम होते नजर नहीं आ रहे हैं प्रदेष के आदिवासी बाहुल्य उमरिया जिले में 12 साल की आदिवासी बालिका से बलात्कार और मां बनने से जिले का प्रषासनिक अमला फिर एक बार सवालों के घेरे में आ गया हैं।
सविता बनी षिकार-उमरिया जिले की तामन्नारा पंचायत के ग्राम बिछिया की सविता बाई (परिवर्तित नाम) बैगा पिता प्रेमलाल बैगा गांव के ही शिक्षा गारंटी शाला में कक्षा-5वीं की छात्रा है। स्कूल के रिकार्ड में उसकी जन्मतिथि 10.7.1999 दर्ज है। अपना 12वां जन्मदिन मनाने के कुछ दिन बाद एक शाम स्कूल से वापस आकर वो घर के पास नदी में नहाने गई थी तभी 26 वर्षीय मुकेष बैगा जो उसका नजदीकी रिष्तेदार है ने उसे अपनी हवस का षिकार बना लिया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। सविता ने डर से अपनी जुबान बंद रखी पर कुछ ही महीनों में उसके बढ़े हुये पेट ने सारे गांव के सामने सच ला दिया। सविता के गर्भवती होने का पता चलते ही पिता प्रेमलाल ने आरोपी मुकेष के खिलाफ जाती पंचायत से लेकर पुलिस तक का दरवाजा खटखटाया। परन्तु इंसाफ की उम्मीद मंे घूमते प्रेमलाल और मासूम सविता को नाउम्मीदी हाथ लगी। इस बीच गत 23 अप्रैल 2012 को सविता ने जिला अस्पताल उमरिया में एक बच्ची को जन्म दिया है।
सवालोें के घेरे में प्रषासन- समाज के सवालों का सामना कर रही सविता के सामने कई सवाल खड़े हैं। 12 साल की नाबालिग सविता पर एक नवजात बच्ची की जिम्मेदारी आ गई है। कैसे कटेगा सविता और उसकी बच्ची का जीवन। सविता की पढ़ाई का क्या होगा? क्या सविता की शादी होगी और कैसे परवरिष करेगी वो अपनी बेटी की? सवाल सिर्फ सविता के सामने नहीं है सवालों के घेरे में प्रषासन भी है। क्या पुलिस ने सही समय पर उचित कार्यवाही की? क्या सामाजिक न्याय विभाग ने सविता की मदद की? क्या बाल कल्याण समिति ने सविता के साथ घटी घटना पर संज्ञान लिया। क्या महिला बाल विकास विभाग ने उसे उचित सलाह, मार्गदर्षन और सहयोग किया? क्या गर्भावस्था में उसे सरकार की स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का लाभ मिला है? क्या सविता को जननी षिषु सुरक्षा योजना, जननी एक्सप्रेस, मातृत्व सहायता योजना, गर्भावस्था में जांच तथा टीकाकरण हुआ है। क्या उसे आंगनबाड़ी से पोषक आहार प्राप्त हो रहा है। इन ढेर सारे सवालों के साथ एक महत्वपूर्ण सवाल शासकीय अस्पताल में सविता की प्रसूति होने पर अस्पताल ने अपने रिकार्ड में क्या दर्ज कियाहोगा। इन सारे सवालों के कई जवाब हो सकते है पर प्रषासन की कार्यप्रणाली पर उठते इन सवालों की अनदेखी करना संभव नहीं हैं।
बाल आयोग के समक्ष जायेगा मामला- बाल अधिकार एवं सरंक्षण पर काम कर ही संस्था मध्यप्रदेष लोक संघर्ष साझा मंच सविता के मामले को राज्य बाल आयोग के समक्ष ले जाने की तैयारी कर रहा है मंच के प्रदेष सह समन्वयक जावेद अनीस इसे बाल सरंक्षण एवं अधिकारों के हनन का मामले मानते है तथा वो कहते है कि प्रषासन की लापरवाही , उदासीनता और सविता के साथ हुये अन्याय को वह बाल आयोग के सामने रखेगें ताकि सविता को इंसाफ मिल सके।
ललित दुबे

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